मानसरोवर--मुंशी प्रेमचंद जी

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शांति दिल को दोनों हाथों से थामे, मैंने जंजीर खटखटायी। गोपा एक लालटेन लिए निकली। मैंने गोपा के मुख पर एक नए आनंद की झलक देखी। मेरी शोक मुद्रा देखकर उसने ...

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